Thursday, July 19, 2012

Time हो गया हैं! Pack Up !


Well. It's almost a year that I wrote in my blog and today here I am paying my respect to one of my favourite hero, India's first "Super Star" Mr. Rajesh Khanna. He was not only my favourite hero but my mom's too :) and her all time favourite humming songs are - "Gun gunaa rahi hain bhawarein" and "Mere sapano ki raani kab aayegi tu" from Aaradhana. Infact she once told me that had she had a daughter she would have named her as Aaradhanaa... :)

During my teenage, I used to "hear" hindi songs. But that one song that made me to "listen" to hindi songs and understand the meaning was "हमें तुमसे प्यार कितना" from Khudrat. Myself along with my friend Nandeesha, used to make a huge list of songs containing Rajesh Khanna and Kishore Da and would roam in the Sayyaji Rao road in Mysore to buy cassettes :) I still have all those collections albeit in cassette format :-D
Would like to share one of his dialogues, which makes everyone to think about their life (Incidentally, I too realised it recently)


आप, आप क्या जाने मुझको समझते हैं क्या?
मैं तो कुछ भी नहीं!

इस कद्र प्यार इतनी बड़ी भीढ़ का रखूंगा कहाँ ?
इस क़द्र प्यार रखने के काबिल नहीं मेरा दिल मेरी जान।.....

प्यार... प्यार एक शख्स का भी अगर मिल सके तो बड़ी चीज़ हैं ज़िंदगी के लिए 
आदमी को मगर ये भी मिलता नहीं; ये भी मिलता नहीं!...

मुझको इतनी मोहब्बत मिली हैं आपसे...
मुझको इतनी मोहब्बत मिली हैं आपसे...
ये मेरा हख नहीं मेरी तकदीर हैं।
मैं ज़माने की नज़रों मे कुछ भी नहीं था...हैं।
मैं ज़माने की नज़रों मे कुछ भी नहीं था...
मेरी आँखों मैं अब तक वोह तस्वीर हैं।..

इस मोहब्बत के बदले, मैं क्या नज़र दूं? मैं तो कुछ भी नहीं 
इज्ज़तें, शोहरतें, चाहतें, उल्फतें
कोई भी चीज़ दुनिया मैं रहती नहीं 
इज्ज़तें, शोहरतें, चाहतें, उल्फतें
कोई भी चीज़ दुनिया मैं रहती नहीं
आज मैं हूँ जहां कल कोई और था।...
आज मैं हूँ जहां कल कोई और था।...
ये भी एक दौर हैं वोह भी एक दौर था

आज इतनी मोहब्बत न दो दोस्तों...
आज इतनी मोहब्बत न दो दोस्तों...
के मेरी कल की खातिर न कुछ भी रहे
आज का प्यार थोढ़ा बचाके रखो मेरे कल के लिए 
कल - कल जो गुमनाम हैं... कल जो सुनसान हैं 
कल जो अनजान हैं कल जो वीरान हैं 
मैं तो कुछ भी नहीं हूँ!
मैं तो कुछ भी नहीं



ज़िन्दगी कैसी हैं पहेली हाय!
कभी तो हसाए, कभी ये रुलाये!


कही दूर जब दिन ढल जाए...


ज़िन्दगी और मौत ऊपरवाले के हाथ में हैं जहाँपना 

वो शाम कुछ अजीब थी 


अगर तुम न होते 


क्या जानू सजन 


चिंगारी कोई बढके 


& Finally,

आनंद मरा नहीं। आनंद मरते नहीं  

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