आ०खो से दूर हो पर
दिल से नहि
दिल मए ज़रूर हो पर
मिल्ते नहि
बस यही गिला है तुम्से दोस्त
तुम मिल्ते ज़रूर हो पर
दिल से नहि।
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बहुत रोता हैन आस्मान
जब तारे टूट जाते है
ज़िन्दगी कि राहो मे ऐसा होता हैन
जिन्हे हम चाहते है वो अकसर चोढ जाते है।
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